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चाय या कॉफी


चाय या कॉफी भाग--31☕☕

आरती, सिम्मी, गिरजा और अनामिका ये  चारों सहेलियां अलग-अलग राज्यों से दिल्ली आकर फैशन डिजाइन पढ़ाई किया था।

 तब से लेकर आज तक सब में भरपूर दोस्ती रही थी। यह दोस्ती कभी भी नहीं टूटी  थी ।

चारों ही कैरियर माइंडेड और अति महत्वकांक्षी थीं, जिसके कारण लगभग चारों ही अविवाहित रह गई थीं।

 अनामिका ने अपने बॉयफ्रेंड मेरे दोस्त गगन के साथ हाल में ही विवाह रचा लिया था और फिलहाल लंदन चली गई थी।

आरती अपनी मौसा मौसी और लिया को सबसे ज्यादा मिस कर रही थी ।

मौसा की तबीयत लगातार खराब  रह रही थी जिसके कारण वह उनको लेकर काफी चिंतित  थी।

 लेकिन उनकी बीमारी और इलाज के लिए उसने जो लोन लिया था ।

उसपर होमलोन और भी कई खर्च थे,उन सबकी भरपाई करने के लिए ही वह ऑस्ट्रेलिया आई थी।

 सुबोध के साथ उसने सारी डील और  कंडीशन मान लिए थे।

 ऑस्ट्रेलिया आने का एक अच्छा फल तो यह था कि उसके जस्टिन जैसे दोस्त का साथ मिला। जिसे कोई छल कपट या लालच नहीं था।

 वह एक साफ-सुथरे हृदय का युवक था ।आरती भी वैसी थी ।

हमेशा दूसरों के लिए तैयार रहने वाली थी।  आरती को अब पुराने सारे जख्म और जितने भी गम थे वह सब भरने लगे थे ।

आरती ने फोन घुमाया ।
लंबी घंटी के बाद मासी ने फोन उठाया 

"हां बेटा कैसी हो आरती ?कैसी है तुम्हारी तबीयत?"

 आरती आश्चर्यचकित हो गई।

" मासी आपको कैसे पता कि मेरी तबीयत खराब थी?" 

 मासी -"मैं तेरी मां नहीं हूं तो क्या, मौसी तो हूं ।मुझे पता है ना कि तू बीमार थी ।

तेरी एक एक बात की खबर में रख लेती हूं। तू चिंता मत कर ।"

आरती हंसने लगी ।

"मुझे पता है मुझसे आपको अनु ने बताया होगा।"

" हां बिल्कुल सही, मासी ने कहा ।

"मासी मासा कैसे हैं ?और लिया ?आरती ने एक सांस में सब का हाल-चाल पूछ लिया।
 रुही ठीक से काम तो करती है ?"

 मासी--" सब ठीक है रूही भी ठीक है। लिया भी ठीक है।
 लिया अभी मुंबई में है।उसका होटल मैनेजमेंट कंप्लीट होने ही वाला है।
 अब शायद उसे नौकरी लग जाए।"

"मासी आपको कोई दिक्कत तो नहीं है ना!"

" नहीं बेटा, मुझे कोई दिक्कत नहीं है।तुम्हारी दोनों सहेलियां आकर मेरा हाल चाल लेती रहती है ।


सबसे ज्यादा तुम्हारी असिस्टेंट विशाला वह तो अपना अधिकांश रविवार मेरे साथ ही बिताया करती है।

 आकर जबरदस्ती दिन का खाना बना देती है और रात में भी वह हमेशा फोन पर भी टच में रहती है ।
तूने बढ़िया अच्छी लड़की को जॉब में रखा था।"

 आरती विशाला के प्रति इमोशन में भर गई।
 वह सचमुच एक बहुत ही संस्कारी और शिक्षित महिला थी।

वह एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलॉन्ग करती थी जो अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए काम करने आई थी ।

मासी से बात करने के बाद उसने विशाला को फोन किया और हालचाल लेने लगी।


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क्रमशः
सीमा✍️☕
©®

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5 Comments

Sushi saxena

14-Mar-2023 08:27 PM

Nice

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अदिति झा

10-Mar-2023 08:15 PM

Nice 👍🏼

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